Friday, 24 August 2018

ज़िंदगी के सारे मौसम आ के रुख़्सत हो गए..., मेरी आँखों में बस बरसात बाक़ी रह गई

ज़िंदगी के सारे मौसम आ के रुख़्सत हो गए...,

मेरी आँखों में बस बरसात बाक़ी रह गई


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