चलो माँ क्या होती हैं ..... इक छोटी सी कहानी में बताता हूं .. ...!!
दस बारह साल का लड़का भूख प्यास से व्याकुल हो के सड़को पर घूमते हुये, घर_घर जाकर काम मांगता हैं फटे, पुराने कपड़े, पैरों में चप्पल नही, गाल पिचके घर_घर जाकर कहता हैं बाबूजी, मालकिन कोई काम मिलेगा, लोग उसे कहते है छोटे बच्चों को काम पर रख कर हमें मुसीबत मोल नही लेनी, तो कोई उसे धक्के मार कर भागा देते हैं ............
............थक_हारकर वहाँ के पेड़ के किनारें, बैठ जाता हैं, उसे जोरो की प्यास लगती हैं सामने ही एक घर के बाहर नल लगा रहता हैं, वो उठता हैं और पानी पीने लगता हैं, अंदर से एक महिला निकलती हैं, लड़का डर जाता हैं और कहता हैं मालकिन हम बस पानी पी रहें थे, हमने कुछ नही किया, उस औरत को उस पर तरस आ जाता हैं और पूछती हैं तुम कौन हो यहाँ क्या कर रहें, लड़का कहता हैं मालकिन मैं काम की तलाश पर आया हूं पर मुजे कोई काम नही दे रहा, औरत कहती हैं तुम्हें भूख लगी हैं मैं खाना दे दूं?? लड़का कहता हैं मालकिन, वो सके तो हमें काम दे दिजिए, हम घर के सारे काम कर लेंगे, आपको शिकायत का कोई मौका नही देंगे..............
..............औरत भली थी, उसने उसको काम पर रख लिया, क्यूकि औरत का पति बाहर रहता था काम के सिलसिलें में, और उसका एक लड़का था, जो उस लड़के से तीन साल बड़ा था..... .........लड़का रोज काम पर जाता, और दिल लगाकर काम करता, वो महिला रोज अपने बच्चें से कभी खाने के पीछे, कभी कपड़े कभी सोने कभी किताबे कभी पेन परेशान रहती क्यूकि उसका बच्चा अपनी माँ की बात को अनसुना कर देता, माँ रोज उस पर चिल्लाती लड़का उस पर ध्यान नही देता .............. .............महिला अपने घर पर काम करने वालें लड़के को भी कपड़ा देती, खाना देती, लड़का जी मालकिन कह कर उनकी सारी बात मानता, उसके कहने से ही पहले, जैसे खाना कहा के बर्तन साफ रखना, टेबल कुर्सी साफ रखना, हर चीज जो महिला अपने बच्चें को सीखना चाहती थी, वहाँ वो करता ................ .................एक दिन उस महिला के बच्चें ने अपनी टी शर्ट पर खाने की चीज गिरा दी, जब उसकी माँ ने उससे कुछ कहाँ तो वो उसे उल्टा जवाब देने लगा, कि आपको क्या करना है मेरी टी शर्ट है मैं जो करूं, बच्चें के इस व्यवहार से महिला दुखी हुई और रोते हुये कहने लगी,
देख वो भी तो बच्चा हैं ना तुजसे छोटा, वो कितना कहना मानता हैं मेरा, कभी शिकायत का मौका नही देता, तेरे पुराने कपड़े तेरे पुराने जुतें, तक कितना संभाल के रखा हैं
उसकी माँ कितनी खुश होती होगी,, जो उसका बच्चा उसकी हर बात मानता हैं, और वो महिला रोते रोते रूम के अंदर चली जाती हैं वो काम करने वाला पास खड़ा सब सुनते रहता हैं, और उस लड़के से कहता हैं भाईया आपको मालकिन का दिल नही दुखाना चाहिए, आपको उनकी हर बात माननी चाहिए ....................
.....................वो लड़का गुस्सें से तु जादा हीरो मत बन तेरी माँ तो तुजसे खुश है और मेरी माँ भी,,, मेरी माँ तेरी बहुत तारीफ करती हैं तो तु मुजे ज्ञान मत दें लड़के की ऑख में ऑसू आ गयें और उसने कहा
भाईया मैंने अपनी माँ को कभी देखा ही नही, मेरे पैदा होते ही मेरी माँ चल बसी, उसके बाद मेरे पिताजी भी चल बसें, मैं सबकी माँ देखता था, अपने बच्चों से प्यार करती हुई डांटती हुई, मारती हुई, और फिर प्यार से सर पर हाथ फेरते हुये खाना खिलाती हुई, मैं कितना रोता था, की भेरी माँ क्यूं नही, क्यूं मेरी माँ मुझे डाटती नही प्यार नही करती, क्यूं वो मुझे छोड़ गयी क्यू? ..................
......................फिर मैंने मालकिन की ऑखों में वही ममता आप के लिए देखी,, आपसे प्यार करना रूठना मनाना, डाटना गुस्सा करना फिर आपका घंटो खड़े रहकर चौखट पर आपका इंतजार करना,,, आपको पता हैं भाईया जब आप स्कूल चले जाते हैं तो आपकी माँ, आपकी तस्वीर से बाते करती हैं, आपसे पूछती हैं क्यूं तु मेरी बात नही मानता क्यूं तु मुझे परेशान करता हैं, क्यूं टाइम पर खाना नही खाता, फिर आपके फेंके सारे कपड़े खुद अपने हाथों से प्यार से जामाती हैं, मुजे ये कहकर छूने नही देती, की मुजे अपने बच्चे के कपड़े खुद संभाल कर रखना बहुत पसंद हैं ......................
.........................भाईया सब की माँ नही होती,, पर जिसकी होती हैं, उसको कद्र नही होती,,,, भाईया मैं भले स्कूल नही गया
पर इतना पता हैं,,, माँ अपने बच्चों की भलाई, उनके भविष्य के लिये उन्हें डाटती हैं पर कहते हैं ना
मैं मालकिन की नजरों में हीरो बनाना चाहता हूं
नही भाईया
जब मालकिन प्यार से मुजे आपके पुराने कपड़े और जुते देती तो मुझे ऐसा लगता हैं मेरी माँ मुजे, इंसान बनना सीखा रही हैं, मैं इसलिए उनकी दी हर चीज को संभाल के रखता हूं,,, आपको पता हैं जब मैं भूखा था, कोई काम नही था मेरे पास तो मालकिन ने मेरी ऑखें पढ़ी मेरी भूख देखी, और मुझे सहारा दिया, वो बहुत अच्छी है भाईया भगवान करें सबको ऐसी माँ मिले ..................
.....................क्यूकि भाईया मेरी माँ तो इस दुनिया में नही हैं पर माँ जैसे ही कोई मेरा ख्याल रखती हैं
इसलिए मैं उनकी हर बात मानता हूं, अपनी माँ को तो नही देख पाया पर, मालकिन के रूप में माँ की ममता देख ली मैंनें .................
.................पास खड़ी ही उसकी मालकिन सब कुछ सुनती रहती हैं, पर उसकी हिम्मत नही होती, की उस बच्चें के सामने चली जाए,,,, वो गरीब नौकर ऑसू पोछते हुये काम पर लग जाता हैं,,,,
और मालकिन का बच्चा अपनी माँ के गले लग जाता हैं
और वो महिला, अपने बच्चें को गले लगाए ये सोचती हैं, वो कौन सी माँ थी,,, जो इस बच्चें को जन्म दिया .............
एक बात हमेशा याद रखना दोस्तो ईश्वर को किसी ने नही देखा,,,
पर ईश्वर ने भी माँ को देखा हैं ......!!
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