Wednesday, 22 August 2018

ये दिल सुन रहा है, तेरे दिल की ज़ुबां

ये दिल सुन रहा है, तेरे दिल की ज़ुबां
ऐ मेरे हमनशी, मैं वहाँ, तू जहाँ मेरी सदा में बोले तू, ये कोई क्या जाने
गीत में है, साज में है, तू ही तू, नगमा कहाँ


ये दिल सुन रहा है...
दर्द-ए-मोहब्बत के सिवा, मैं भी क्या, तू भी क्या
ये ज़मीं हम, आसमां हम, अब हमें जाना कहाँ ये दिल सुन रहा है...

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