Saturday, 18 August 2018

Siddhu Ji aap Pakistan kyun Gaye


सिद्धू साहब , अच्छी बात थी कि दोस्ती के लिए आपने पाकिस्तान के इमरान खान का दावत कुबूल किया था लेकिन एक इत्तेफ़ाक़ ऐसा भी आया कि हिंदुस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की आंखे हमेशा के लिए बंद हो गयी । आपका पाकिस्तान जाना और अटल बिहारी वाजपेयी जी का पंच तत्व में विलीन हो जाना एक ही समय पे हुआ । बहुत दुर्भाग्य की बात है कि आपने एक प्रधानमंत्री की मौत में शरीक होने से बेहतर पाकिस्तान जाना जरूरी समझा । मैं अंधभक्त नही जो गलत को गलत न कह सकू और न ही ये बात आपके पास पहुंचेगी लेकिन हमारे पास सोशल नेटवर्किंग की ताकत है जिससे अपने दिल की भावनाओ को लफ़्ज़ों में बयाँ कर सकता हूँ ।
आज आप दिल से उतर गए ।


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