Monday 31 July 2017

BCCI agar Team India ki Jersey par VIVO hai to Hum Match dekhna Band kar denge



Montu Bhandari
Yes baycot china BCCI also need to understand things which are happening on dhoklam border way we advertise china product please support army if army not work there job so how to play blody how to safe try to understand bcci and players also support Indian army to Bycott product show some credibility #BCCBANOPPO

Pawan Beniwal
BCCI ,is not less than East India Company ,group of Princely people from business and political tycoons who are sucking blood from poor Indian public which is exploited in the name of Indian pride.
BCCI Assets should put under national flag n constitution of India. Then we can promote other sports and sports' infrastructure in the country.
Students in universities should focus on national issues and resources.
We don't see the stale n ailing roots of the issue but just talk about sponsorship about Chinese products.
WHO ARE ANURAAG THAKUR,RANBIR SINGH MAHRNDRA ,ARUN JAITLY , S SRINIWAS and SHARAD PAWAAR .
All cricket thekedaars of 29 states are close partners but political rivals in parliament .
Let us start a campaign to bring cricket under parliament

Rama Krishna Koila
Boycott chinese. Stop taking sponsorships from chinese companies, indian cricket team is beacause of criceters talent and huge indian viwership not bcoz of sponsorhip. Stop these tricks.


Priyanka Mondal
Boycott means boycott all d things which products made by china....r a india ka bhi to koi ijjat honi chahiye na...kab tak aise khud ko bikte rahoge yr...

Easwar PS
Don't worry INDIANS don't care about their jawans. ..they are more bothered about money making biz...There is less or no sponsers in india

Madhur Meena
Hindustan mai sb bhot jaldi bik jate hai or jo subse pehle bikta hai wo hai sports...


Jatin Rawal
Tell them india will sponsor them whole india create an account we will put our money in their account.

M G Hegde
BCCI IS BORN FOR EARNING MONEY THEY DON'T HAVE ANY RESPECT TO INDIA.....

Sunday 30 July 2017

किसी ने अफवाह उडाई कि लखनऊ मे 🍅🍅🍅टमाटर 20 रूपये किलो 💃🏽
तो ट्रेन पकडकर लोग लखनऊ के लिये आज रवाना होते हुए




😁😂😄🤑😄😃😀👇🏽









वृंदावन के वात्सल्य ग्राम

बाबर के ढांचे (बाबरी मस्जिद) के गिराए जाने वाले नेक कार्य के लिए जिन साध्वी ऋतम्भरा जी को मीडिया बदनाम कर रही थी वो उनके इन पावन कार्य पर मौन है,
इन बच्चों से उनका कोई नाता नहीं। कहां से आया, किसने जन्मा कुछ पता नहीं। यहां रिश्तों का आत्मिक संसार है। कोई रक्त संबंधी नहीं है। पर सब मां की ममता से बंधे हैं। वृंदावन के वात्सल्य ग्राम में उन तमाम बच्चों को यशोदा बन मां पाल रही हैं, जिनके खून के रिश्तों ने नाता तोड़ लिया। यहां मां की लोरी है तो नानी की कहानियां भी। मौसी का प्यार तो बहनों का दुलार भी मां का प्यार है तो दादी और नानी की कहानियां भी हैं।
वात्सल्य ग्राम के द्वार पर पालने में अज्ञात नवजात बच्चे के आते ही यहां बच्चे के जन्म की तरह खुशी मनाई जाती है। पालने से वात्सल्य ग्राम के आंगन में आने के बाद बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण होता है। एक वर्ष तक उसकी विशेष देखभाल की जाती है। इसके पश्चात गोकुलम में बच्चे को एक मां, मौसी, नानी और पिता का प्यार मिलने लगता है। भले ही खून के रिश्ते उससे दूर हों, लेकिन एक बच्चे के लिए सबसे जरूरी उसकी मां का पूरा वात्सल्य मिलता है। वर्तमान में यहां करीब दो सौ बच्चे हैं।
मां भी इन बच्चों के दुख, सुख को अपना दुख-सुख मानकर कदम-कदम पर पर उनके साथ रहती हैं। इतना ही नहीं मां इन बच्चों के सिर्फ बड़े होने और पालन-पोषण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि मां और संतान का यह दुलारभरा संबंध जीवन पर्यंत तक रहता है। यदि मां को दुख होता है तो बच्चे भी उसे दूर करने का हर संभव प्रयास करते हैं। वे अपना सबकुछ देने को तैयार रहते हैं। मां की ममता व दुलार और ऐसा संतान का प्यार वात्यल्य के आंगन में पल्लवित हो रहा है।
यहां करीब 200 ऐसे बच्चे हैं, जो पालने में नवजात या कुछ ही समय के जन्मे पाए गए। पालने में बच्चे के आने पर सायरन बज जाता है। तभी गोकुलम में इसकी सूचना जाती है। गोकुलम से पूजा की थाली आती है और बच्चे के रूप में नए मेहमान के आने पर तिलक किया जाता है और फिर नवजन्म की तरह उत्सव मनाया जाता है। इसके बाद बच्चा वात्सल्य परिवार का सदस्य बन जाता है। यह विश्व का अनोखा ऐसा प्रकल्प है, जिसमें न सिर्फ बच्चे को संस्कारित परिवार और सभी रिश्ते मिलते हैं, बल्कि जीवनभर वह इस परिवार का सदस्य होता है।

व्यवस्था परिवर्तन - बैंकिग उद्योग की आवश्यकता

कुछ विद्वानों का मत है कि व्यवस्था परिवर्तन हेतु युवा बैंक कर्मियों को यूनियन में सक्रिय रूप से भागीदारी करनी चाहिए -यूनियन के चुनाव में भाग लेना चाहिए और प्रजातांत्रिक पद्धति से नेताओं को बदल देना चाहिए । सैद्धांतिक दृष्टिकोण से यह बात केवल काग़ज़ पर ही सही नज़र आती है -बैंकिंग उद्योग में इसका यथार्थ से कोई नाता नहीं है । कैसे ? इसे हाल के उदाहरणों से समझें ।
बैंकिंग उद्योग में जो सबसे बड़ी लाल झण्डे वाली यूनियन है -उसके सबसे बड़े नेता जी का सर्वाधिक विरोध हुआ । यहाँ तक कि उसी यूनियन के लोगों ने ग्रूप बनाए और नेता जी को हटाने का अभियान चलाया -यदि आप उसी यूनियन का सर्वे करेंगे तो पाएँगे कि नेता जी का यूनियन में व्यापक विरोध है और यदि सदस्यों को सीधे मत देने का अधिकार मिल जाय तो नेता जी किसी हालत में नहीं जीत पाएँगे । अब ज़रा यथार्थ पर नज़र डालिए -नेता जी ने चेन्नई में यूनियन के भव्य अधिवेशन का आयोजन किया और सर्वसम्मति से फिर चुन लिए गए और अब ११वें वेतन समझौते में हमेशा की तरह निर्णायक भूमिका अदा करने को तैयार हैं ।
अब ज़रा दूसरे नम्बर की यूनियन पर निगाह डालें -इस यूनियन की असली ताक़त स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया है जहाँ फ़ेडरेशन का एकाधिकार है -उसके बाद बैंक ऑफ़ बड़ौदा और एक आध बैंकों में यह यूनियन बहुमत में है -अकेले स्टेट बैंक के बूते यह यूनियन लगभग एक तिहाई बैंक कर्मियों की संख्या अर्जित कर लेती है और इस पर एकाधिकार भी स्टेट बैंक की फ़ेडरेशन का है और एक तरह से महामंत्री का महत्वपूर्ण पद फ़ेडरेशन के लिए आरक्षित है । बड़ी यूनियन की तरह यहाँ चुनाव की औपचारिकता भी नहीं होती और स्टेट बैंक की फ़ेडरेशन जिस नाम को तय कर देती है वह रातों रात इसका महामन्त्री हो जाता है ।
यह दो यूनियन मिल कर लगभग ८०% बैंक कर्मियों का प्रतिनिधित्व करती हैं -शेष २०% बैंक कर्मी तीन यूनियनों में विभाजित हैं -इन यूनियनों में से एक को छोड़ बाँकी दो यूनियनों के सामने नेतृत्व का संकट है -वहाँ नेता पद छोड़ना चाहते हैं लेकिन कोई दूसरा उस चुनौती का सामना करने के लिए आगे आने को तैयार नहीं है ।
अब ज़रा राष्ट्रीय स्तर पर द्विपक्षीय समझौते के लिए जो खेल चलता है उसे ठीक से समझ लें -क्योंकि दो नम्बर की यूनियन की अधिकांश सदस्यता स्टेट बैंक में है जहाँ द्विपक्षीय समझौते के बाद स्टेट बैंक में अलग से अतिरिक्त लाभ देने की परम्परा है -इसलिए यह यूनियन बड़ी वाली यूनियन का कोई विरोध नहीं करती बल्कि अपरोक्ष रूप से उनका समर्थन करती है । उसका एकमात्र उद्देश्य होता है कि द्विपक्षीय समझौता तेज़ी से सम्पन्न हो ताकि स्टेट बैंक में अपने सदस्यों को अतिरिक्त लाभ दिलवा सकें । दूसरे नम्बर की यूनियन द्वारा पहले नम्बर की यूनियन का समर्थन करने के रहस्य से पर्दा नौवें द्विपक्षीय समझौते के बाद उठा जब गणपति सुब्रमणीयन भाई की कैनारा बैंक की एक छोटी सी यूनियन ने असीम बहादुरी का परिचय देते हुए पेन्शन में अंशदान को माननीय मद्रास उच्च न्यायालय में समझौते पर हस्ताक्षर करने वाली सभी यूनियनों को विपक्षी बनाते हुए चुनौती दी -तब आश्चर्यजनक तरीक़े से दूसरे नम्बर की यूनियन ने उसकी ओर से जवाब व शपथ पत्र देने का अधिकार बड़ी यूनियन के बड़े नेता जी को दे दिया और उन्होंने दूसरे नम्बर की यूनियन की ओर से भी जवाब दाख़िल किया ।
यह जान लेने के बाद कि लगभग ८०% बैंक कर्मियों का प्रतिनिधित्व परिस्थितिजन्य परोक्ष अथवा अपरोक्ष तरीक़े से बड़े नेता जी को हांसिल हो जाता है -अब अधिकारियों के संघठन पर ग़ौर करते हैं । यहाँ जो एक नम्बर की यूनियन है उसकी स्थिति कर्मकारों की दो नम्बर की यूनियन के समान है क्योंकि यह यूनियन स्टेट बैंक फ़ेडरेशन की तरह स्टेट बैंक में प्रचंड बहुमत में है -वैसे तो यह लगभग सभी बैंकों में प्रचंड बहुमत में है लेकिन अकेले स्टेट बैंक की सदस्य संख्या सब पर भारी है इसलिए तूती स्टेट बैंक के नेता की बोलती है -स्टेट बैंक में अतिरिक्त सुविधा पा लेने वाली युक्ति यहाँ भी कर्मकारों की सबसे बड़ी यूनियन को परोक्ष अथवा अपरोक्ष रूप से समर्थन करवा देती है । जो दूसरे नम्बर की यूनियन है वह तो कर्मकारों की बड़ी यूनियन द्वारा ही बनायी गयी है और उसकी सदस्य संख्या भी इतनी नहीं कि वह बड़े नेता जी का विरोध करने का साहस जुटा सके । जो तीसरे नम्बर की यूनियन है उसके नेता जी अधिकारियों के सबसे क़ाबिल नेता हैं जिसका प्रमाण उस बैंक के अधिकारियों को मिलने वाली सुविधाएँ हैं जहाँ यह यूनियन बहुमत में है । इन नेता जी को लेकर तब समस्या पैदा हो गयी जब IBA ने अधिकारियों के मामले में सेवानिवृत्त अधिकारी नेता से वार्ता करने से मना कर दिया । एक दूसरे के धुर विरोधी होने के बावजूद उस वक़्त कर्मकारों के बड़े नेता जी कूटनीतिक तरीक़े से इनके पक्ष में आ गए और उन्होंने आईबीए पर दवाब बना उसे इन नेताजी से वार्ता हेतु मना लिया -तब से यह नेता जी भी बड़े नेता जी के समर्थक हो गए । जो चौथी यूनियन है उसकी सदस्य संख्या नगण्य है ।
इस तरह बड़ी यूनियन के बड़े नेता जी को ९ में से ५ यूनियनों का समर्थन हांसिल है जो द्विपक्षीय समझौते में नेता जी को निर्णायक भूमिका में ला देती है और नेता जी आकंठ घमण्ड से चूर हो कर मनमानी करते हैं -उनके ख़िलाफ़ अगर अभी तक कोई आवाज़ उठी है तो वह श्री सुभाष सावन्त जी की आवाज़ है लेकिन दिक़्क़त यह है कि न तो सावन्त जी के पास प्रचुर संख्या है और न ही उपरोक्त कारणों से उन्हें अपेक्षित सहयोग मिलता है -नौवें और दसवें समझौते के दौरान श्री सावन्त द्वारा बैंक कर्मियों के हितों की ख़ातिर मौखिक और लिखित विरोध समर्थन के अभाव में निष्फल चला गया ।
अब ज़रा सोचिए और चिंतन कीजिए कि इन परिस्थितियों में युवा बैंक कर्मी क्या भूमिका अदा कर सकते हैं ? वी बैंकर्स के आंदोलन के दौरान जो युवा नेता उभरे उन्हें वी बैंकर्स के आंदोलन को कमज़ोर करने के उद्देश्य से यूनियनों में समायोजित कर लिया गया और उन्हें बैंक स्तर की यूनियनों में सहायक मंत्री संघठन मंत्री जैसे प्रभावहीन पदों को झुनझुना पकड़ा दिया गया और उन्हें कल का नेता कहते हुए झूठी तारीफ़ की जाती है । जहाँ जहाँ वी बैंकर्स के युवाओं ने स्थापित नेताओं को चुनौती देते हुए मुख्य पदों पर दावा ठोंका है वहाँ वहाँ या तो बेइमानी हुई है या स्थापित नेता युवा नेता को प्रबंधन से मिल कर शिकार बनाने को उतारू हैं ।
कुल मिलाकर स्थितियों में न तो कोई परिवर्तन हुआ है और न ही कोई सम्भावना है -ऐसे में केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के बराबर वेतन पेन्शन और अन्य सुविधाएँ पाने की अभिलाषा एक दिवास्वप्न के अलावा कुछ नहीं है ।

दूसरीऔरत - एक कहानी

चाहे कुछ भी हो जाये बुआ,उस औरत को मैं कभी भी अपनी "माँ" स्वीकार नही करूँगी ,
४५ साल की कुँवारी औरत हम बच्चों को माँ का प्यार कैसे दे सकती है ?
वो बच्चों का दर्द क्या समझेगी , .!!
अरे हाँ मैं उसे क्यूँ कोस रही हूँ , मुझे तो शर्म आती है पापा की सोच पर हम बच्चों का देख भाल करने के आड़ में ,अपना सुख पूरा करना चाहते है। आपको ना जाने क्यूँ इतनी सी बात समझ नही आ रही है ।
शांति से सोच रिया तुम दोनों बहने तो शादी करके अपने घर चले जाओगी २-४ सालों में उसके बाद भैया अकेले रह जायेंगे ...कहते हुए कमला उसके सर को प्यार से सहलाने लगी ।तभी रिया बोली बुआ अगर माँ की जगह पापा को कुछ हो जाता तो भी आप यही बात इतनी आसानी से माँ के लिए कहती ,??
कमला बोली शायद नही कहती क्योंकि स्त्री अंदर से बहुत मजबूत होती है हर मुश्किल का सामना बड़ी साहस के साथ कर सकती है घर बाहर दोनो को संभाल सकती है , लेकिन पुरुष के लिए एकाकी जीवन बहुत मुश्किल होता है ।
ठीक है बुआ आपको पापा सही लगते है तो आप उनका साथ दे सकती हो ,पर हम दोनो बहने इस रिश्ते को कभी नही स्वीकारेंगे वो "दूसरी औरत" हमारी माँ कभी नही बन सकती कहते हुए रिया कमरे से बाहर चली गयी।
सुख के समय को बीतते कहाँ समय लगता है , देखते -देखते आठ साल हो गए ,दोनो बेटियों की शादी हो गयी दोनो ही अपनी गृहस्थी में व्यस्त हो गयी । पर शादी के बाद इतने सालों में दोनो ने कभी मायके का रुख नही किया । पापा को भी माफ नही कर पाई ...............
एक दिन दोपहर को रमाकांत जी घर का डोर बेल बजा दरवाज़ा रमाकांत जी की पत्नी ने खोला और सामने रिया को खड़े देखकर हैरान हो गयी जब तक कुछ समझ पाती ,रिया उनके पैरों में गिर कर रोने लगी मुझे माफ़ कर दो माँ मुझसे बहुत बड़ी भूल हो गई,
आप महान हो माँ मुझे माफ़ कर दो।
उठो बेटी कहकर उन्होंने रिया को गले से लगा लियाऔर उनके माथे को पागलो की तरह चूमने लगी .........
रमाकांत जी तंज कसते हुए बोले ये दूसरी औरत तुम्हारी माँ कब से हो गयी ?
रिया सिसकते हुए बोली आपको तो सब पता है पापा फिर आप ऐसा क्यूँ बोल रहे हो ...!
ओह, तो आज तुम्हे पता चल गया कि तुम्हारे पति को किडनी दान कर तुम्हारे सुहाग को जीवन दान देने वाला , अजनबी कोई और नही बल्कि ये दूसरी औरत ही है कहते हुए व्यंग्यात्मक मुस्कान रमाकांत जी के चेहरे पर फैल गई.... तुम जैसी कुछ लोगों की वज़ह से ही दुनिया कहती है कि ....."औरत ही औरत की सबसे बड़ी दुश्मन है "
रमाकांत जी कुछ और बोलते उसके पहले ही उनकी पत्नी बोल उठी जाने भी दो रहने दो पुरानी बातें ........
जल्दी जाकर मिठाई लेकर आइये ना ......आज मैं पहली बार माँ बनी हूँ कहते कहते रो पड़ी ,.....
रमाकांत जी भी अपनी आँखों की नमी पोछते हुए थैला लेकर घर से बाहर निकल गए .......

विजिटिंग कार्ड एक कहानी

सोमवार का दिन था..... इतवार की छुट्टी के बाद जब सोमवार को आफिस जाना होता है तो बाकी दिनों की अपेक्षा थोड़ा सा उत्साह तो होता ही है ...... आफिस के लिए सलीके से तैयार होने का ..... थोड़ा संवरने का.... इसलिए आज साड़ी पहनी उसने ......लाल रंग की काटन की साड़ी जिसमें काले रंग धागों के फूलों की कढ़ाई थी .....सब कहते थे कि उस पर साड़ी अच्छी लगती है ......सो पहन ली और आफिस पहुंच गयी ......नये कपड़े पहन कर वैसे भी मन अपने आप कुछ प्रसन्न सा हो जाता है .....शायद कुछ मनोवैज्ञानिक प्रभाव होता है .....तो वो भी खुश थी आज ...सब कुछ सामान्य था आफिस में सुबह ....मगर फिर किसी वजह से कुछ ऐसा असामान्य घटित होता है उसके साथ कि बस अजीब स्थिति हो गयी उसकी ..... दिल बैठ सा गया तनाव के कारण ....रोना भी आया बहुत मगर आफिस था ये .....जहां रोया नहीं जा सकता था ..... बहुत सी अनापेक्षित चीजें हो जाती हैं कभी कभी वहां पर जहां आप काम करते हैं ....
शाम को काम की वजह से आफिस से निकलने में देर हो गई उसे ..... अंधेरा हो चुका था..... तनाव के कारण तबियत भी खराब थी कुछ ..... खैर घर जाने के लिए सिटी बस पकड़ी उसने .....कोई १२-१४ सवारी ही रही होंगी बस में .....वो जाकर खिड़की की तरफ चेहरा कर के बैठ गई .... जेहन में आफिस में हुई घटना घूम रही थी .... कभी जब कुछ बुरा घटित होता है तो उसके साथ - साथ पूर्व में घटित हुई उसी प्रकार की अन्य खराब चीजें भी दिमाग में रिकाल होने लगती हैं और तनाव का स्तर तब कई गुना बढ़ जाता है .......यही उसके साथ हो रहा था ......तनाव साफ चेहरे पर दिखाई देने लगा था ......चेहरा बुखार से तपकर लाल हो चुका था ....हाथ पैर कांप से रहे थे उसके ..... आंखों में आंसू आ रहे थे ...रोकने की कोशिश की कई बार .....मगर फिर भी आंखों की कोरों से ढलक ही गए ..... अंधेरा था तो शायद बस में मौजूद लोगों ने देख नहीं पाया ये .....मगर बराबर वाली सीट पर एक लड़का बैठा था जो उसे बराबर नोटिस कर रहा था ..... पता नहीं उसके चेहरे को .....लाल साड़ी में लिपटी सुंदरता को .....या फिर उसकी तकलीफ़ को ....उस दर्द को जो उसके चेहरे पर दिख रहा था ....या उन आंसुओं को जो उसकी आंखों में कुछ पल ठहरे हुए से थे .....जो भी हो लड़का कभी उसके तपते हुए चेहरे को देखता और कभी कांपती हुई उंगलियों को .....
कुछ देर बाद दो लोगों को छोड़कर बाकी सवारी बस से उतर गई थी .....बस में अब शांति थी .......इधर उसे आभास हो गया था कि ये लड़का उसे नोटिस कर रहा है ..... पता नहीं क्यों लड़के के नोटिस करने के कारण वह ज्यादा भावुक हो गई ....... ऐसा लगा जैसे वो लड़का बिना कुछ कहे ही उसकी तकलीफ़ उसकी मनोस्थिति समझ रहा है ...... अंजान होकर भी पता नहीं कैसे दोनों एक - दूसरे के मन को समझ ले रहे थे .... उसे ऐसा लग रहा था कि लड़के से अपना सब दर्द कह दे ...... उसके पास बैठ के रो ले ..... और लड़के के भाव ऐसे थे मानों वो उसका दर्द उसकी तकलीफ़ जानना और बांट लेना चाहता हो .....कभी कोई अंजान शख्स भी ऐसा मिल जाता है कि आप उससे पहली बार में ही अपनी जिंदगी की वो बातें वो तकलीफ़े कह जाते हैं जो आप अपने बहुत खास .....बहुत नजदीक इंसान से भी नहीं कह पाते........ होता है ऐसा अक्सर .....
अगला स्टाप आते ही उसके मन में आया कि जो दो सवारी बची है वो भी उतर जाएं काश.....उन दोनों के बीच में मौन रहे बस..... लड़का भी शायद ऐसा ही चाहता था और यही हुआ .....
अब सिर्फ वो दोनों ही बचे थे बस में .....एक घंटे के सफर में एक या दो बार मात्र एक पल के लिए ही दोनों की नजरें टकराई होंगी अंजाने में ....अगला स्टाप आने के थोड़ा पहले लड़के ने अपना बटुआ निकाला और उससे कुछ निकाल कर अपनी सीट पर रख दिया .....लड़की ने चेहरा खिड़की की तरफ कर लिया ......लड़का चुपचाप बस से उतर गया और उतरने के बाद उसने खिड़की की तरफ देखा ....... आखिरी बार दोनों की नज़रें मिली ......जो शायद बहुत कुछ कहना और सुनना चाहती थीं एक दूसरे से .....बस आगे बढ़ चुकी थी ...... लड़की ने लड़के की सीट की तरफ देखा .....विजिटिंग कार्ड रखा हुआ था ..... उसने उठा कर देखा और पर्स में रख लिया .......घर आकर फिर से देखा उस विजिटिंग कार्ड को जिस पर उसका नाम और मोबाइल नंबर लिखा था ........फोन तो नहीं किया उसने कभी उस लड़के को मगर वो विजिटिंग कार्ड आज भी अपने पर्स में संभाल कर रखा हुआ है ........!!

Wednesday 26 July 2017

Mera Tujhse se Hai Pehle ka Naata koi

मेरा तुझ से है पहले का नाता कोई
यूँ ही नहीं दिल लुभाता कोई
जाने तू या जाने न
माने तू या माने न
धुआँ-धुआँ था वो समा
यहाँ-वहाँ जाने कहाँ
तू और मैं कहीं मिले थे पहले
देखा तुझे तो दिल ने कहा
जाने तू या जाने न
माने तू या माने न


तू भी रही मेरे लिए
मैं भी रहा तेरे लिए
पहले भी मैं तुझे बाहों में लेके
झूमा किया और झूमा किया
जाने तू या जाने न
माने तू या माने न
देखो अभी खोना नहीं
कभी जुदा होना नहीं
अब खेल में यूँही रहेंगे दोनों
वादा रहा ये इस शाम का
जाने तू या जाने न
माने तू या माने न
(2)
तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई
यूँ ही नहीं दिल लुभाता कोई
जाने तू या जाने ना, माने तू या माने ना


देखो अभी खोना नहीं, कभी जुदा होना नहीं
हरदम यूँ ही मिले रहेंगे दो नैन
वादा रहा ये इस शाम का
जाने तू या जाने ना, माने तू या माने ना
वादे गये बातें गईं, जागी जागी रातें गईं
चाह जिसे मिला नहीं, तो भी कोई गिला नहीं
अपना तो क्या जिये मरे चाहे कुछ हो
तुझको तो जीना रास आ गया
जाने तू या जाने ना, माने तू या माने ना....

History of Sikkim

*सिकिम कैसे बना भारत का.अंग*:-
डोकलाम इलाके में भारत और चीन सीमा पर तनाव अपने चरम पर है। चीन की तमाम धमकियों के बावजूद भारत ने साफ कर दिया है कि वह न तो अपनी सेना को वहां से पीछे हटने को कहेगा और न ही चीन को इस इलाके में सड़क बनाने देगा। यह पहला मौका नहीं है, जब चीन ने सिक्किम को लेकर इस तरह की धमकी दी हो वह पहले भी इसको लेकर भारत को आंखें दिखाता रहा है।
दरअसल, चीन सिक्किम को भारत का अंग बनने से लेकर ही खफा रहा है। यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि वह अरुणाचल प्रदेश के बड़े हिस्से को अपना बताता रहा है। इसके अलावा वह सिक्किम के इलाके पर भी अपना हक जमाता रहा है। उसका कहना है कि यह इलाका तिब्बत का ही भू-भाग है, जहां कभी उसके चरवाहे अपनी भेड़ें चराने आया करते थे। बहरहाल, आज इस पूरे इलाके में दोनों सेनाओं के आमने-सामने आ जाने से युद्ध की आशंका भी बढ़ गई है। लेकिन क्या आपको पता है कि जिस सिक्किम को लेकर चीन इतना लाल हाे रहा है वह आखिर भारत का अंग कैसे और कब बना था। यदि नहीं पता है तो चलिए आज हम आपको इसके ही बारे में बताते हैं।
*चीन से चिंता की वजह*:-
दरअसल 1962 में चीन से हुए युद्ध के बाद भारत को इस बात की चिंता सताने लगी थी कि चीन की नजर उनकी सीमाओं पर लगी है और वह भारत के काफी बड़े भू-भाग को कब्जाना चाहता है। वहीं यदि बात की जाए उत्तर पूर्वी राज्यों की तो भारत को लगने लगा था कि चुंबी घाटी के पास मौजूद इलाका जिसको ‘सिलीगुड़ी नेक’ कहते हैं, वह करीब 21 मील का है। भारत को लगता था कि यह इलाका बेहद संवेदनशील है, क्योंकि यहां से चीन भारत के अंदर आसानी से घुसपैठ को अंजाम दे सकता है और भारत में घुस सकता है। इसके ही साथ लगा था सिक्किम।
*राजा से ज्याद यूएस के प्रति निष्ठावान थी कुक*:-
सिक्किम पर उस वक्त चोग्याल का शासन था, जिसने अमेरिकी लड़की होप कुक से शादी की थी। बदकिस्मती से होप कुक चोग्याल के प्रति कम और अमेरिका के प्रति ज्यादा निष्ठावान थी। वह हमेशा से ही चाहती थी कि सिक्किम एक पूर्ण राष्ट्र बना रहे, इसके लिए वह चोग्याल को उकसाने का भी काम करती थी। कुक को लगता था कि इस मुद्दे पर अमेरिका उसका साथ जरूर देगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बल्कि चोग्याल को जब सबसे अधिक उसकी जरूरत थी, तब उसने चोग्याल को ही धोखा दिया और बेशकीमती चीजों के साथ अमेरिका भाग गई।
*भारतीय इतिहास का बड़ा दिन*:-
6 अप्रैल 1975 का वह दिन भारतीय इतिहास के लिए काफी बड़ा था, जब सिक्किम को भारत में शामिल कर लिया गया था। इसके साथ ही सिक्किम का स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा भी खत्म हो गया था। भारत में शामिल होने से पहले सिक्किम पर चोग्याल का शासन था। सिक्किम को भारत में शांतिपूर्ण तरीके से विलय कराने का श्रेय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जाता है। आपको बता दें कि सिक्किम को भारत में मिलाने की कोशिश पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी की थी। लेकिन 1947 में इस विषय पर कराए गए जनमत संग्रह में इसको नकार दिया गया था। इसके बाद नेहरू ने सिक्किम को संरक्षित राज्य का दर्जा दिया था। इसके तहत भारत सिक्किम का संरक्षक हुआ और सिक्किम के विदेशी राजनयिक और संपर्क से जुड़े सभी मामलों की भी जिम्मेदारी भारत ने ली।
*सिक्किम में खराब हो रहे थे हालात*:-
1955 में सिक्किम में राज्य परिषद स्थापित की गई, जिसके अधीन चोग्याल को एक संवैधानिक सरकार बनाने की अनुमति दी गई। लेकिन नेपालियों को अधिक प्रतिनिधित्व की मांग के चलते राज्य में स्थिति खराब हाे गई थी। 1973 में सिक्किम की हालत बेहद खराब हो गई थी। वहां राजभवन के सामने हुए दंगो के चलते चोग्याल राजवंश सिक्किम पर अपनी पकड़ खो चुका था और लोगों के मन में इसके प्रति नफरत की भावना अपने चरम पर पहुंच रही थी। सिक्किम दूसरे देशों से पूरी तरह से कट चुका था। चोग्याल शासन यहां अत्यधिक अलोकप्रिय साबित हो रहा था। सिक्किम पूर्ण रूप से बाह्य विश्व के लिए बंद था। यहां के हालात लगातार बेकाबू होते जा रहे थे, जिसको लेकर दिल्ली में केंद्र सरकार काफी परेशान थी। इंदिरा गांधी इस पर निगाह रखे हुए थीं। चोंग्याल के खिलाफ कई गुट बन चुके थे। यहीं से सिक्किम को भारत में मिलाने की कहानी भी शुरू होती है।
*दिल्ली के म्यूनसिपल कमिश्नर को दिया गया पदभार*:-
7 अप्रैल, 1973 को इंदिरा गांधी के आदेश पर दिल्ली के म्यूनसिपल कमिश्नर बीएस दास को तुरंत सिक्किम में कार्यभार संभालने के लिए कहा गया था। यह आदेश उन्हें फोन पर तत्कालीन विदेश सचिव केवल सिंह ने दिया था। दास के लिए यह सब कुछ न समझ में आने वाली कहानी की तरह था। उन्हें आदेश था कि वह तुरंत घर से निकलें और सिक्किम में काम संभाल लें। बहरहाल, अगले दिन दास सिक्किम में गेंगटोक पहुंचे। यहां उनका स्वागत चोग्याल के विरोधी गुटों ने किया। चोग्याल से मुलाकात के दौरान उन्हें यह भी घमकी दी गई कि सिक्किम को गाेवा समझकर न चला जाए। इसका मतलब बेहद सीधा और सटीक था कि भारत यहां पर सेना के दम पर कब्जा करने की कोशिश न करे। इस मुलाकात ने चोग्याल ने दास को यहां तक कहा कि उन्हें कभी दबाने की कोशिश न की जाए, क्योंकि भारत ने यहां पर उन्हें सिक्किम की सरकार को सहयोग देने के लिए भेजा है। लिहाजा यहां काम सिक्किम के संविधान के तहत ही किया जाएगा।
*एक अहम समझौत पर हस्ताक्षर*:-
भारत और चोग्याल के बीच 8 मई 1973 को एक समझौते पर दस्तखत किए गए। इसके बाद यहां पर चुनाव कराए गए। एक समय था जब चोग्याल की स्थानीय जनता में काफी इज्जत थी, लेकिन अब वक्त बदल चुका था। चोग्याल जब अपने समर्थन में वोट मांगने के लिए निकले तो उन्हें लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। यही वजह थी कि इस चुनाव में चोग्याल के समर्थन वाली नेशनलिस्ट पार्टी को 32 में से महज 1 सीट मिली। इससे भी ज्यादा बवाल उस वक्त हुआ जब जीतकर आए सदस्यों ने चोग्याल के नाम पर शपथ लेने से ही मना कर दिया। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि चोग्याल असेंबली में आए तो वह सदन की कार्यवाही में ही भाग नहीं लेंगे। उस वक्त दास, जिन्हें सिक्किम का कार्यभार सौंपा गया था और जो असेंबली के स्पीकर भी थे, ने एक बीच का रास्ता निकाला था।
*जब हुई इंदिरा से मुलाकात*:-
30 जून, 1974 को चोग्याल ने इंदिरा गांधी से मुलाकात कर अपने मन की बात रखी, लेकिन इंदिरा गांधी ने बीच में ही हाथ जोड़ लिए और इशारे ही इशारों में उन्हें जाने के लिए कह दिया। चोग्याल के लिए यह वक्त हर तरफ से मदद के दरवाजे बंद होने जैसा ही था। 6 अप्रैल, 1975 की सुबह चोग्याल के राजमहल को चारों तरफ से भारतीय सेना ने घेर लिया था। जवानों के साथ-साथ इनमें टैंक भी शामिल थे। भारतीय जवानों को यहां पर कुछ ही गोलियां चलानी पड़ी थीं और देखते ही देखते वहां मौजूद सभी सुरक्षाकर्मियों ने भारतीय जवानों के आगे घुटने टेक दिए। इस पूरी कार्रवाई में महज 30 मिनट का ही समय लगा। इसी दिन 12 बज कर 45 मिनट तक सिक्किम का स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा खत्म हो चुका था। इसके बाद चोग्याल को उनके महल में ही नजरबंद कर दिया गया। दो दिनों के भीतर सम्पूर्ण सिक्किम राज्य भारत के नियंत्रण में था। इसके बाद सिक्किम को भारतीय गणराज्य मे शामिल करने को लेकर जनमत संग्रह करवाया गया।
कभी इज्जत करते थे लोग लेकिन अब था गुस्सा, यह वही चोग्याल थे, जिनकी कभी सिक्किम में हुकूमत चलती थी और लोग उन्हें बेहद इज्जत देते थे। लेकिन अब वक्त पूरी तरह से बदल गया था। इतना ही नहीं अपने बेटे और पोते की दुर्घटना में हुई मौत के बाद तो चोग्याल ने आत्महत्या तक करने की कोशिश की थी। इसके बाद उनकी पत्नी भी उन्हें छोड़कर चली गई थी। 1975 में भारतीय संसद में यह अनुरोध किया के सिक्किम को भारत का एक राज्य स्वीकार किया जाए और उसे भारतीय संसद में प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाए।
*सिक्किम बना भारत का 22वां राज्य*:-
23 अप्रैल, 1975 को लोकसभा में सिक्किम को भारत का 22वां राज्य बनाने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया गया, जिसे 299-11 के मत से पास कर दिया गया। राज्यसभा में यह बिल 26 अप्रैल को पास हुआ और 15 मई, 1975 को जैसे ही राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इस बिल पर हस्ताक्षर किए। 16 मई 1975 को सिक्किम को औपचारिक रूप से भारतीय गणराज्य का 22 वां प्रदेश बना लिया गया। इसके साथ ही सिक्किम जहां भारत का अंग बन गया वहीं, नाम्ग्याल राजवंश का शासन हमेशा के लिए खत्म हो गया। 1982 में चोग्याल की कैंसर से मौत हो गई।

Sunday 23 July 2017

Khuda bhi jab tumhe dekhta hoga

ख़ुदा भी जब तुम्हें, मेरे पास देखता होगा
ख़ुदा भी जब तुम्हें, मेरे पास देखता होगा
इतनी अनमोल चीज़
दे दी कैसे सोचता होगा

तू बेमिसाल है, तेरी क्या मिसाल दूं
आसमां से आई है, यही कहके टाल दूं
फिर भी कोई जो पूछे, क्या है तू कैसी है
हाथों में रंग लेके, हवा में उछाल दूं

ख़ुदा भी जब तुम्हें, मेरे पास देखता होगा
इतनी अनमोल चीज़
दे दी कैसे सोचता होगा


जो भी जमीं तेरे पांव तले आए
क़दमों से छूके वो आसमां हो जाए
तेरे आगे फीके-फीके, सारे श्रृंगार हैं
मैं तो क्या, फ़रिश्ते भी तुझपे निसार हैं
गर्मी की शाम है तू, जाडों की धूप है
जितने भी मौसम हैं तेरे कर्ज़दार हैं
ख़ुदा भी जब तेरे अंदाज़ देखता होगा
इतनी अनमोल चीज़
दे दी कैसे सोचता होगा

चेहरा है या जादू, रूप है या ख़्वाब है
आंखें हैं या अफ़साना, जिस्म या किताब है
आजा तुझे मैं पढ़ लूं, दिल में उतार लूं
होंठों से देखूं तुझे, आंखों से पुकार लूं
ख्वाहिशें ये कहती हैं, कहती रहती हैं
ले के तुझे बाहों में शामें गुज़ार लूं
ख़ुदा भी अब तुझे दिन रात ढूंढता होगा
इतनी अनमोल चीज़
दे दी कैसे सोचता होगा...

Indian Sand Artist Sudarsan Pattnaik's Sand Art with a message wishing Indian Women's Cricket Team

All the best, you did and reached this place now thoda he thodi ki jarurat he.


Commendable sand art. The art encourage sure success in WC.

please is match ka live broadcast dd national pr dikhao....

All the best "women Indian cricket team" !

JIO ke free phone ka faayda

चीन को अब समझ आ रहा धीरे धीरे कि मोदी ने हमला कब का कर दिया था....!
मुकेश अम्बानी का Jio का फ्री फोन और Make in India : जिन्हें लग रहा है कि रिलायंस ने ये फ्री फ़ोन अचानक लांच कर दिया उन्हें दोबारा सोचने की ज़रूरत पड़ेगी, मोदी ने 3 साल पहले Make in India लांच किया, विदेश की 70+ मोबाइल कंपनियां भारत आयीं और अपनी फैक्टरियां लगाईं, जिस देश मे मोबाइल का स्क्रीन गार्ड, कवर और टेम्पर्ड ग्लास तक नही बनता था वहां अब मोबाइल बनने शुरू हो गए...।
manufacture होने शुरू हो गए (assemble नही manufacture), अब इन विदेशी कंपनियों ने भारत मे Made in India हैंडसेट बेचने शुरू कर दिए जिसमे xiaomi, gionee, oppo, vivo आदि शामिल हैं, लेकिन मोदी का ये सपना नही था, उन्हें तो कुछ और चाहिए था, मोदी को भारत की बादशाहत चाहिए थी विश्व बाजार में, तो जब सब ने अपनी अपनी फैक्ट्री लगा ली प्रोडक्शन चालू कर लिया।

तब उन्हें विदेशों में माल बेचने के लिए प्रोत्साहित किया गया, टैक्स में छूट दी गयी, नतीजा ये हुआ कि xiaomi जैसी कंपनी Made in India हैंडसेट को US और Europe में बेचने लगी, बेच तो पहले भी रही थी पर तब चीन में बना हैंडसेट बेचा जा रहा था और अब भारत मे बना, यानी चीन का व्यापार छीन कर भारत ने ले लिया, और ऐसा एक चीनी कंपनी से करवा लिया, चीन की बौखलाहट की वजह यही है।
अब कल Jio का फ्री फ़ोन लांच हो गया यानी ऐसी 70+ कंपनियों की वाट लग गयी अब वे क्या करेंगी? ज़ाहिर है हजारों करोड़ के इन्वेस्टमेंट के बाद ये कंपनियां बंद तो करेंगी नही क्योंकि बंद करने में पूरा पैसा डूब जाएगा, अब इन कंपनियों के लिए भारत का बाजार तो खत्म हो गया ऐसे में अब ये सभी कंपनियां एक्सपोर्ट पर दिमाग लगाएंगी, यानी सभी विदेशी कंपनियां अब मोबाइल बनाएंगी भारत मे और बेचेंगी विदेश में, यही तो मोदी का सपना था, यही सही मायने में Make in India है, जहां भारतीयों को काम मिले, माल भारत मे बने और विदेशों में बेचा जाए।
वैसे फ्री फ़ोन का कांसेप्ट Jio के साथ लांच होना था पर इसे एक साल तक रोके रखा गया, आप इतने समझदार है कि ये समझने की ज़रूरत नही कि क्यों रोका गया ।
जो लोग अडानी अम्बानी के लिए हर वक़्त गालियाँ देते है वो सबसे पहले लाइन में लगे है मुफ्त के मोबाइल हेतु.. !!....!!

Saturday 22 July 2017

Ab iske baare mein kya kahenge

Tauba tera nakhra .. Tauba tera pyaar..
   Kaisa hai EMOTIONAL ATTYACHAR..

Poll Of The Day - Who Rocked The Bridal Look?P

According to best bridal acting i go with 8 indeed old is gold.
Further if i go with something simple and neat, then it would be Number 4.
Above: Everyone has own their skills to chose and vote. Actually all of these bridal looks beautiful. if you try watching bunch of movies of each actress than you might find more stunning look in any movie. But these pictures are limited so voting are fine from all states. LOL

Download this romantic song

मुझसे जुदा हो कर तुम्हें दूर जाना है
पल भर की जुदाई फिर लौट आना है
साथिया, संग रहेगा तेरा प्यार
साथिया, रंग लायेगा इंतज़ार
तुमसे जुदा होकर मुझे दूर जाना है
पल भर की जुदाई...
मैं हूँ तेरी सजनी, साजन है तू मेरा
तू बाँध के आया मेरे प्यार का सेहरा
चेहरे से अब तेरे हटती नहीं अँखियाँ
तेरा नाम ले लेकर, छेड़े मुझे सखियाँ
सखियों से अब मुझको पीछा छुड़ाना है
पल भर की जुदाई...
मेरे तसव्वुर में तुम रोज़ आती हो
चुपके से तुम आकर, मेरा घर सजाती हो
सजनी बड़ा प्यारा ये रूप है तेरा
गजरे की खुशबू से महका है घर मेरा
आँखों से अब तेरी काजल चुराना है
पल भर की जुदाई...

Pappu par latest Joke

Vishal Kashyap
इस पप्पू को पाकिस्तान भेज देना चाहिए
Like · Reply · Report · 28 minutes ago
Dadu Gaykwad
Bhaiya sale yeh log bhi chor nikle re hamare bharat mata ke
Like · Reply · Report · 23 minutes ago
Madhavan Masilamani
Notty comments......
Like · Reply · Report · 22 minutes ago
Ram Lal Jangid
Ye Banega p m paka
Like · Reply · Report · 21 minutes ago
Prajapati Vipul
Pappu he bhai
Like · 1 · Reply · Report · 19 minutes ago
Sanjaykumar Dhumal
पप्पूजी smile
Like · Reply · Report · 19 minutes ago
Kishan Dabi
good expressed
Like · Reply · Report · 17 minutes ago
Dinesh Jat Choudhary
Papuu he avi
Like · Reply · Report · 17 minutes ago
CA Pratima Singh
Like · Reply · Report · 17 minutes ago
Dinesh Jat Choudhary
Poppu bhai
Like · Reply · Report · 17 minutes ago

SP neta Naresh Agrawal ka boycott hona chahiye

Jitne bhi gaddar aur bakchod neta hai woh sab bakchodi sirf hindu dharm par hi karta hai kyonko in saalon ko malum hai ki hindu dharm sabar ka pahad hai isse kitna bhi bura kah do toh bhi maaf kar deta hai...kyonki yeh bharat mata hai...puri diniyan ki maa hai..aur maa hamesa saja nahi maafi deti hai....


Hindu hokar aisi baat karne wale ki soch ka andaz ho gaya, gira huwa aadmi, ghatiya sonch aur samaj par kalank. Kalyug dikh raha.

Shayari Mere Dil mein



मेरे #दिल में फरिश्तों ने तेरी #तस्वीर जब देखी....
#खुदा से रूठ कर बोले #जमीं पर #हूर क्यूं भेजी..!!

Congress Politics ke liye kuch bhi kar sakti hai

Narendar Raj Purohit
Salo se kus nhi ho pa raha h to desh ko aaps me ladwane chahte h
Like · 1 · Reply · Report · 34 minutes ago
Kkmondal Mondal
Bharat choro cng
Like · Reply · Report · 34 minutes ago
Dheeraj Singh Jamwal
Ye log jo kudh indian h hi ni.enki bate kyu suni ja rhi bc saly italy vale h ye..inhone desh ka kachara kr diya..ye bharii h bc
Like · 1 · Reply · Report · 32 minutes ago
Sanjeev Kumar
Ha
Like · Reply · Report · 31 minutes ago
Narayan Sahu
Abtak nehi ho raha tha abhi ho geya warewa,feku
Like · Reply · Report · 28 minutes ago
Mahesh Sharma
कांग्रेस को भी तोडने की साजिश कांग्रेस.......।
Like · Reply · Report · 24 minutes ago
Ganti Narayana Rao
unke Haat se sab ko nafrat ho gayi is liye gussa apne desh ki jhade par utaar raha hai. Italy ka layegaa kya?
Like · Reply · Report · 23 minutes ago
Somdutt Sharma
How long Congress will eliminate the spirit of nationalism amongst Indians
Like · Reply · Report · 17 minutes ago
Laxmi Raghav
Ise na desh se pyar he na deshwashiyo se .isne to kabhi desh ko apna mana hi nhi
Like · Reply · Report · 7 minutes ago
Nilesh Katkar
Congress mukta bharat
Congress hatao
Bharat bachao
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Wednesday 19 July 2017

शायरी - जब से देखा है उन्हें

जब से देखा है उन्हे यह ख्याल आया..💟💟💟
                 मेरे दिल  से एक सवाल आया...


जब से देखा है उन्हे यह ख्याल आया..💟💟💟
                 मेरे दिल से एक सवाल आया...

💕💞💕💞💕💞💕💞💕💞💕💞💕💞💕💞💕
दिल को थी जिस धड़कन की तलाश..💕💕
               महसूस कर रहा हूँ कि तू है कितने मेरे पास..

जब से देखा है उन्हे यह ख्याल आया..
                 मेरे दिल से एक सवाल आया...

Monday 10 July 2017

Kahan Gayi Award Wapasi Gang

लगता है बस 1 वो ही अवार्ड था वापस लौटाने के लिए और वो भी गवां बैठे ये लोग.



एवार्ड वापसी वाले तथाकथित सेकुलर बताने वाली पार्टियों जैसे कांग्रेस , NCP , TMC , RJD, JDU, SP, BSP आदि के चमचे थे और उनका तलवा चाटने पर इनको Award मिलता था । Award वापस करने के लिए ये सभी तथाकथित सेकुलर उनका तलवा चटकर और भारी रकम दे कर Awardवापस करावया ।

Bharat Rajdev
अवोडॅ वापसी वालो का इमान बीक गया है।.

JC Garg
सही है उन सभी बुद्धिजीवियों को चाहिए कि वे अपने सारे अवार्ड अपने सारे सर्टीफिकेट और डिग्री समेत वापस करें जो बंगाल के दंगों पर मौन हैं और दादरी की घटना पर बहुत मुखर हैं.

Jagannath Singh
मुह पर ताला लगा है इनके ।

Yogendra Palany
Where are those rascal award vapis gang n why silent on Bengal ??

Arvind Singh
अरे साले आवार्ड नहीं लौटा रहे हो तो कम से कम जमीर का ख्याल करो.

Jai Prakash Singh
Kuch nahi to ratio card ya Adhar card hi wapas ker do..

Social Media ka Kamaal

रामलाल की डेथ हो गयी।
बेटे ने सभी को whatsapp पर मैसेज डाल दिया कि-

" पिता जी आज GST के लिये गये थे । उनका देहांत हो गया है।"

एकाएक भीड़ जुटने लगी। एक नेता ने अपने दल के राज्य प्रमुख को msg fwd कर दिया।उसके आदेश पर हजार कार्यकर्ताओ ने घर घेर लिया।
भाषण नारे शुरू -
नेता ने माइक पर हुन्कार भरी "पहले नोट बंदी ने जाने ली और अब सरकार की GST ने जाने लेना शुरू कर दिया है। हमारे रामलाल भाई की शहादत बेकार नही जायेगी। सरकार से मुआवजा लेकर रहेगे।
पत्रकार, पुलिस और DM तक को घर वालो से मिलने नही दिया गया। रामपाल का अंत मे भारी सुरक्षा मे अंतिम संस्कार कर दिया गया।
अगले दिन दिल्ली से बड़े नेता ने कहा कि GST पर पहली मौत पर हंगामा कर डालो।
उन की ओर से मुख्यमंत्री जी ने फोटो
पर फूल माला चढाई और राज्य सरकार की तरफ से पचास लाख का चेक दिया गया तथा बेटे मंगल को नौकरी की घोषणा कर दी गयी।
दस दिन तक हंगामे- बंद- जलूस ही चलते रहे। मंगल को नियुक्ति लेटर मिल गया कि फौरन DM के आफिस मे लिपिक पद पर ज्वाइन करे। उसने ज्वाइन कर लिया।
दो दिन बाद DM दौरे से लौटे तो संवेदना प्रकट करने को मंगल को अपने कक्ष मे बुलाया। बातो बातो मे पूछा कि स्वर्गीय रामपाल GST के लिये कहा जा रहे थे???
मंगल का जवाब सुन कर DM साहब सर पकड़ बैठ गये। आप भी सुनिये-
मंगल- " सर वह खेत को जा रहे थे। दर असल whatsapp पर मैने मैसेज को शार्ट कट मे GST लिख दिया था यानि
G-घरS-से T- टट्टी को
पिताजी निकले थे।
वह फिसल गये तो मर गये।
DM ने CM को बताया और कहा कि मुआवजा और नौकरी वापस ली जाये।
बेचारे DM को उल्टे डाट पड़ी कि मुँह बंद रखो। अखवार पढते हो कि नही। हाई कमान राजधानी मे धरने पर है। सभी विपक्षी दल शाम को महामहिम से GST से शुरू हुई मौतो को रोकने के लिये GST वापसी की मांग लेकर मिलने वाले है। GST का यह नया फुल फार्म अपने पास रखो। मंगल को धमका दो कि अब किसी से कहा तो पूरा परिवार जेल जायेगा।
देश के वर्तमान हालात पर कसकर व्यंग
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂

Sandeep ka Jihaad

टीवी हेडलाइन चलाई जा रही है कि, मुजफ्फरनगर के "संदीप शर्मा" नाम का लश्कर आतंकी पकड़ा गया..
खुश तो बहुत होंगे सेकुलरों और जेहादियों की एक हिंदू आतंकवादी मिला। अब भोंकोगे कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता देखिये लश्कर से हिन्दू भी जुड़ा है...मगर जो बात मीडिया और अफजल गैंग के पत्रकार बहुत सफाई से छुपा रहे हैं वह जानना जरूरी है.
संदीप ने 8 साल पहले घर छोड़ा,2012 में कश्मीर गया वहां एक कश्मीरी जेहादन से इश्क हुआ,संदीप ने अपना धर्म बदलकर "शांति का धर्म स्वीकार किया"..फिर नए धर्म के अनुसार संदीप का नाम बदलकर आदिल हो गया और आदिल बनने के बाद वो लश्कर ए तोयबा का आतंकवादी बन गया....
संदीप जब तक संदीप था उसके कोई क्रिमिनल रिकार्ड नही रहा और संदीप जब आदिल बना तो क्या हुआ वो तो सामने ही है...कोई कन्फ्यूजन मत रखिये..


Laalo Yadav Ki Achal Sampatti

Vishal Shinde
उसमे भी घाैटाला ज्यादा दिखता है..









Arun Kumar
Enka hi to Sara kara karaya khel h na etne hote na etna paisa batorta.

Durgendra Sharma
Laloo ne bahut golmal kr rkha hai 9 bachche.


Sunday 9 July 2017

Galti se Mistak


Ho Raha Hai Kyun
Confuse Mere Dil
Mashwara Mera
Tu Aazma Ke Dekh

Yehi Umar Hai
Karle Galti Se Mistake

Yehi Umar Hai
Karle Galti Se Mistake

Yehi Umar Hai
Karle Galti Se Mistake

Yehi Umar Hai
Karle Galti Se Mistake
Beta

Chal Muscle Phulana
Thodi Body Banana
Teri Chikne Galo Ke
Stubble Ki Fasal Ugana
Arey Are Ae Abey
Aye

Chal Beta Shuru Hoja
Guru Bagal Uthake
Thoda Deo Lagana
Kisi Bagal Wali Ko
Mardani Khushboo Sungana

Chal Upar Se Toh Gutt Me
Jee Le Kar Ke Dikhana
Baalo Wala Seena Dikhana
Baalo Wala Seena Dikhana

Barf Talak Tu Cycle Pe
Ghuma Hai
Highway Pe Motorcycle
Bhaga Ke Dekh

Speed Me Tujhke
Sardi Lage Toh
Seat Pe Piche
Ladki Bitha ke Dekh

Yehi Umar Hai
Karle Galti Se Mistake

Yehi Umar Hai
Karle Galti Se Mistake

Yehi Umar Hai
Karle Galti Se Mistake

Yehi Umar Hai
Karle Galti Se Mistake
Beta

Junaid ko Insaaf aur Riya ko intezaar

इस पोस्ट का मकसद नफरत फैलाना नही है,, हम तो बस यह कहना चाहते है कि जो लग नफरत की राजनीति कर रहे हैं उन्हें भगवान, अल्लाह, यीशू या कोई भी अन्य परमेश्वर कभी माफ नही करेगा |

दलित को सवर्णो ने बांधकर पीटा, दलित युवक को सवर्णो ने धक्का दिया,दलित युवती का दबंगो ने किया बलात्कार......
आदि आदि हेडलाइन सुनते ही होंगे आप..मगर आज की हेडलाइन अलग है जो मीडिया नही बोल पायेगा....
दलित की बेटी को मुसलमान युवक ने चाकुओं से गोद गोद कर मार डाला....
मगर आज
●स्क्रीन काला करके मुहर्रम मनाने वाले दलाल पत्र चुप
●मीडिया चुप
●दलित चिंतक चुप
●मानवाधिकार वाले चुप
●मी लार्ड चुप
●दलितों की मसीहा मायावती चुप
●बड़की बिंदी वाली महिला आयोग चुप
●वेमुला और अखलाक की लाश नोचने वाले कांग्रेसी गिद्ध चुप...................
चुप ही रहना झोपड़ी वालों,अभी हत्या करने वाला कोई बाभन,ठाकुर, बनिया,कायस्थ या हिन्दू होता तो बड़ी बड़ी हेडलाइन चलती"दलितों पर अत्याचार"मोदी राज्य में असुरक्षित दलित, दलित की बेटी पर हमला मगर जैसे ही हत्यारा "आदिल" निकला तुम सबकी घिग्घी बंध गई..रिया गौतम को आदिल ने मारा..
"जय भीम" को "जय मीम" ने मार डाला....
आज भीम सेना चूड़ियां पहन के बैठी है..
मायावती डाइटिंग पर है..
NDTV के रविश जैसे दलाल पत्रकार "कौन जात के हो" पूछने वाले थे मगर मुह और स्क्रीन दोनो काला करके छुप गए..
संघी,साम्प्रदायिक, मनुवादी भाजपाई रिया के लिए न्याय मांग रहे हैं..
अभी कुछ सूतिये इसमें भी संघ और भाजपा का हाथ और जिम्मेदारी बताने लगेंगे..

Apr2016 mein Riya ne FIR bhi darj ki thi par afsos ...



Ghotalo ka Sardar Laalu Yadav ka Pariwar

भारतीय राजनीति में जितने भी चोर-उचक्के, भ्रष्टाचारी, लुटेरे, काले कारनामों वाले, देशविरोधी, बलात्कारी, घोर सेकुलरवादी नेता हैं उन्हें मात्र रवीश, बरखा दत्त, अंजना ओम कश्यप, अभय दुबे, कुमार केतकर, पुरषोत्तम अग्रवाल, आनंद प्रधान, निखिल वाघले, राजदीप सरदेसाई, ओम थानवी, विनोद शर्मा, सागरिका घोष जैसे पत्रकार ही पसंद हैं, क्यों की ये उनकी जी हजूरी करते हैं..... इन्हें अर्नव गोस्वामी, रोहित सरदाना, शीतल राजपूत, अवधेश कुमार, स्वेता सिंह जैसे पत्रकार इन्हें संघ के एजेंट लगते हैं

Saturday 8 July 2017

Agar Congress Party na hoti to Bharat ko Swachch Bharat Mission ki Jarurat na hoti

मोदी जिनपिंग से मिलता है, गिलानी साहब से क्यों नहीं मिलता : मणिशंकर अय्यर, कांग्रेस

Manishankar Ayyer tum wo hi na jo pakistan ke fenke huye paise par palne wale Mir Wiese aur Gilaani ko suppport karte ho.. Allah kare Ayyer tumhe bhi aatankiyo jaise Dojakh mein garam tabele mein tala jaaye 😂😁😀😀😁😂


Kuch comments ye bhi padhe aur aap bhi comments jarur kare.


Sanjay Sahu
Gilani sahab... ..sale tere abba lagta he kya wo..desh k pm kissey mile kissey na miley ye desh wale jinko chuna he wo tay karenge..tum logoki eisi deshdrohi harkat se log tang hoke tum logoko kachre me fenk diya gaya he..fir v apni harkato se baaj nehi ateho... salo..


Rishi Mishra
Gillani saala congressi ke liye Saheb hoga BJP ke liye jhaat Barabar .saale inki maatt Maari gaiye hai .saabit ho Gaya Congress algaowadio ke saath hai
Mani Shankar Hindu ho ke bhi Pakistan ke talwe chat ta hai .shame ............

Ranbir Kumar Mehta
Gilani tera baap h kia, desh ke gththaro, hinduon or hindostan ko barbad mt kro apni hram ki kmai jma krne ke lie. Ab aap ke ghr c b i ke chhape pden gy or jail jaogy.

Yadvendra Singh
इन कांग्रेस के तलुवा चाटों को इतनी तमीज़ नही कि देश के प्रधानमंत्री के लिए कैसी भाषा शैली हो सवासौ करोड़ के प्रतिनिधि के लिए तू शब्द कतई बरदास्त नही ।

Sudhir Pande
मणि की बुध्दी पहले भ्रष्ट थी ,अब नष्ट हो गई है । भारतके प्रधानमंत्री को इसने मजाक समझ रखा है जो इन हरामी सुवर देशद्रोहिओसे बातचित करे । इन सबकी जगह नर्क मे है

Pardeep Ninu Sharma
NAHI melna chaye
Modi ji Jo ker rahe h
Vo bhaut aacha h

Anil Puri
देखो हर साल कांग्रेस कितना काम करती थी, खोदकर लाया हूँ उनके सारे कारनामे |
1987 - बोफोर्स तोप घोटाला, 960 करोड़
1992 - शेयर घोटाला, 5,000 करोड़।।
1994 - चीनी घोटाला, 650 करोड़
1995 - प्रेफ्रेंशल अलॉटमेंट घोटाला, 5,000 करोड़
1995 - कस्टम टैक्स घोटाला, 43 करोड़
1995 - कॉबलर घोटाला, 1,000 करोड़
1995 - दीनार / हवाला घोटाला, 400 करोड़
1995 - मेघालय वन घोटाला, 300 करोड़
1996 - उर्वरक आयत घोटाला, 1,300 करोड़
1996 - चारा घोटाला, 950 करोड़
1996 - यूरिया घोटाला, 133 करोड
1997 - बिहार भूमि घोटाला, 400 करोड़
1997 - म्यूच्यूअल फण्ड घोटाला, 1,200 करोड़
1997 - सुखराम टेलिकॉम घोटाला, 1,500 करोड़
1997 - SNC पॉवेर प्रोजेक्ट घोटाला, 374 करोड़
1998 - उदय गोयल कृषि उपज घोटाला, 210 करोड़
1998 - टीक पौध घोटाला, 8,000 करोड़
2001 - डालमिया शेयर घोटाला, 595 करोड़
2001 - UTI घोटाला, 32 करोड़
2001 - केतन पारिख प्रतिभूति घोटाला, 1,000 करोड़
2002 - संजय अग्रवाल गृह निवेश घोटाला, 600 करोड़
2002 - कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज घोटाला, 120 करोड़
2003 - स्टाम्प घोटाला, 20,000 करोड़
2005 - आई पि ओ कॉरिडोर घोटाला, 1,000 करोड़
2005 - बिहार बाढ़ आपदा घोटाला, 17 करोड़
2005 - सौरपियन पनडुब्बी घोटाला, 18,978 करोड़
2006 - ताज कॉरिडोर घोटाला, 175 करोड़
2006 - पंजाब सिटी सेंटर घोटाला, 1,500 करोड़
2008 - काला धन, 2,10,000 करोड
2008 - सत्यम घोटाला, 8,000 करोड
2008 - सैन्य राशन घोटाला, 5,000 करोड़
2008 - स्टेट बैंक ऑफ़ सौराष्ट्र, 95 करोड़
2008 - हसन् अली हवाला घोटाला, 39,120 करोड़
2009 - उड़ीसा खदान घोटाला, 7,000 करोड़
2009 - चावल निर्यात घोटाला, 2,500 करोड़
2009 - झारखण्ड खदान घोटाला, 4,000करोड़
2009 - झारखण्ड मेडिकल उपकरण घोटाला, 130 करोड़
2010 - आदर्श घर घोटाला, 900 करोड़
2010 - खाद्यान घोटाला, 35,000 करोड़
2010 S - बैंड स्पेक्ट्रम घोटाला, 2,00,000 करोड़
2011 - 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, 1,76,000 करोड़
2011 - कॉमन वेल्थ घोटाला, 70,000 करोड़
राम मंदिर और पेट्रोल पर रो रहे हो, इनमे से 5 के नाम भी पता थे क्या |
वो बेचारा अकेला इतनी मेहनत कर रहा है, पर तुम्हारी आदत है न हर चीज में डंडा करने की | अगर ये तंग आकर हट गया न तो, तुम्हे फिर यही कांग्रेस मिलेगी | जितने भी उसके बाहर घूमने से परेशान है, वो बाहर हनीमून नही मना रहा है | सुरक्षा मजबूत कर रहा है अपने देश की | आज तुम सबको को किसान दिख रहे, हैं और जब यूरिया और खाद घोटाला हुये तो, कुछ नही दिखा |
अगर दिल में अभी भी थोडीसी भी सच्ची जीवित हैं, तो इस पोस्ट को शेअर करो और लोगों को भी निंद से जगाओ |
मोदीजी को प्रधानमंत्री बने, 4 वर्ष भी नहीं हुआ की, अच्छे दिन का ताना मारने लगे हैं कुछ लोग | वो लोग जर इनका भी कार्य काल देखो, और इन्होने क्या क्या किया हैं सोचो |
1. जवाहरलाल नेहरु, 16 वर्ष 286 दिन
2. इंदिरा गाँधी, 15 वर्ष 91 दिन
3. राजीव गाँधी, 5 वर्ष 32 दिन
4. मनमोहन सिंह, 10 वर्ष 4 दिन
कुल मिला कर 47 वर्ष 48 दिन में अच्छे दिन को ढूंढ नहीं सके और 3 वर्ष में हीं अच्छे दिन चाहिए |


Manish Vaghela
अरे मुखँ जीनपीन चीन का राष्ट्रपति हे गीलानी कोई देश का राष्ट्रपति नही है
हा रही बात कोग्रेस की बात तो ६० साल से ज़ख मार रहेथे

Jainendra Jain
इस मणि शंकर अय्यर कमीने और गद्दार के लिए क्या लिखा जाये अपनी कलम को ख़राब करने जैसा है ये अपनी मां की कोख को ही थूकता है दोगुला कही का |




बहारकर सदानंद नवचैतन्य
पाकिस्तान मे जाकर ऐसे बेहुदे सवाल किया कर मणिशंकर...जिनपींग चिन के राष्ट्राध्यक्ष है...
और तेरा गद्दार यार हरामखोर हरामी साला बेईमान कु औलाद जिसे तू साहाब कह रहा है वो एक देशद्रोही और आंतकवादीयों को पनाह देता है....

जय कुमार दूबे
तुमसा पाक प्रेमी सभी हो भी कैसे सकते हैं पाक के इशारे पर काम करने वाला गिलानी जितना पसन्द है आतंक से प्रेम ही हुआ ये धिक्कार है यैसे निम्न राजनीति पर थू


अभिव्यक्ती का अधिकार का इतना भी दूर्पयोग न करे l क्योकि ये अभीव्यक्ती का अधिकार देश के माहान नायक की कृपा है जो तुम जैसे ओंछी मानसिकता वाले लोग देश के पादासीन प्रधानमंत्री जी के बारे में उल्टा - सीधा बयान बाजी कर रहे हो , क्या मजाल किसी अन्य देश के नागरिक ऐसा कभी गलती से भी नहीं कह सकते है |

JAISA BAAP LAALU YADAV WAISI HI USKI AULAAD

तेजस्वी की बाजू पर लिख दिया : मेरा बाप चोर है
फ़िल्म दीवार वाली फीलिंग
माँ चोर बेटा चोर, माँ चोर बेटा चोर
फ़िल्म डिस्को डाँसर वाली फीलिंग
लालू चोर - रबड़ी चोर, बाप चोर - माँ चोर,
जीजा चोर - जीजी चोर, मैं भी चोर - भाई चोर
अलीबाबा और चालीस चोर😂😂

50 yrs se jyada age wale Netao ko Retire do

सरकार ने फरमान जारी किया है कि 50 साल से ज्यादा के कर्मचारियों कोकार्य कुशलता की समीक्षा के आधार पर जबरन रिटायर किया जाएगा। बात भी सही है, बढती उम्र के साथ कार्य कुशलता तो सबकी कम होती होगी। इसलिए आओ सब भारत वासी आज प्रण करें कि पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक ऐसे किसी नेता को वोट देकर नहीं चुनेंगे, जो 50 वर्ष से अधिक हो! ताकि देश की कार्य कुशलता प्रभावित न हो और मेरा भारत और महान बन सके!

जयहिन्द।

GST ke faayede part 2

*जीएसटी से कैसे बचें*
*मोदी और सरकार को मत कोसिये.. बल्कि दिमाग से काम करिये और जीएसटी से बचिये*
*१.जब भी बाहर जाओ पानी की बोतल अपने साथ घर से लेकर जाओ... बाहर की शॉप से पैक बोतल नहीं खरीदों*
*२.यात्रा के समय अपने साथ चावल या पुलाव ले जाओ, बाहर होटल या माल से खाना खाना बंद कीजिए।*
*३.जो भी घर की किचन का समान, सब्जी -भाजी खरीदनी हो घर के पास के छोटे दुकान वालों या रेहड़ी वालो से खरीदें,, सुपर मार्केट में जाना बंद कीजिए।*
*४.शनिवार-इतवार को बड़े मॉल में जाना बंद कीजिए, इसके बजाय अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर जाईये, आपसी सम्बन्ध मजबूत कीजिये।*
*५.बड़े बड़े मल्टीप्लेक्स inox, pvr जैसे सिनेमाघर के बजाए सिंगल स्क्रीन सिनेमा पर जाकर पिक्चर देखिए..उनपर GST नही है।*
*६.सुबह-शाम को व्यायाम के बाद घर पर आकर चाय-कॉफ़ी पीजिए..hotels पर नही।*
*७.अगर कही बाहर घूमने जाते भी है तो किसी दोस्त या रिश्तेदार के घर ठहरिये... रिसॉर्ट्स/ होटल/लॉज में मत ठहरिए।*
*मोदी जी ने ये इसलिए किया है कि हम सब अपने पड़ोसियों, दोस्तों और रिश्तेदारों को महत्व ज्यादा दे सकें।*

Aadhar ko EVM se Link

सरकार आधार कार्ड को

पैन कार्ड, बैंक खाते,
बिजली बिल,
पानी बिल, और सभी सरकारी दस्तावेजों से जोड़ने की बात कर रही है।

लेकिन आधार कार्ड को EVM मशीन से जोड़ने की बात क्यों नही करती जिससे फिंगर प्रिंट लेकर वोट होगा और गलत वोटिंग रोकी जा सकेगी।

क्या कोई सरकार इस वयवस्था को स्वीकार करेगी ?


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